गोरखपुर समाचार (gorakhpur news)उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)

Gorakhpur Solar City कार्यशाला का आयोजन गोरखपुर में हुआ

गोरखपुर को आदर्श सोलर सिटी में बदलने के लिए आज उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) और पर्यावरण एवं ऊर्जा विकास केंद्र (सीईईडी) द्वारा गोरखपुर सोलर सिटी (Gorakhpur Solar City) संधारणीय भविष्य की ओर बढ़ना नामक शीर्षक से कार्यशाला का आयोजन किया गया।
गोरखपुर सोलर सिटी (Gorakhpur Solar City) पर विभिन्न वकत्व्य
Gorakhpur Solar City कार्यशाला का आयोजन गोरखपुर में हुआ

निर्भीक इंडिया (संवाददाता गोरखपुर)- राज्य सरकार द्वारा 17 सोलर सिटी में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त गोरखपुर सोलर ऊर्जा (Gorakhpur Solar City) अपनाने के लिए अपनी अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठाने की स्थिति में है। कार्यशाला में नगर निगम वार्ड पार्षदों, जिला स्तरीय अधिकारियों, ऊर्जा विकासकर्ताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

गोरखपुर सोलर सिटी (Gorakhpur Solar City) पर विभिन्न वकत्व्य

महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा में अग्रणी बनने की गोरखपुर की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि सौर ऊर्जा संधारणीय विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने सार्वजनिक और निजी दोनों बुनियादी ढाँचों को सोलराइज़ करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सौर पहलों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। इस साझेदारी से नई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और गोरखपुर की अक्षय ऊर्जा प्रोफ़ाइल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा उद्यमों और परियोजनाओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया। सौर नगर योजना सौर ऊर्जा से चलने वाले बुनियादी ढाँचे, आवासीय सौर प्रणालियों और सामुदायिक अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर केंद्रित है।

जीआईडीए के सीईओ अनुज मलिक ने सौर ऊर्जा उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों पर चर्चा की। गोरखपुर ने पहले ही महत्वपूर्ण प्रगति की है, जहाँ कुल 5191 किलोवाट की सौर छतों की स्थापना और 520 सौर स्ट्रीट लाइटें शहरी विकास और ऊर्जा दक्षता को बढ़ा रही हैं।

आर्थिक विकास में बढ़ोत्तरी करेगा सौर ऊर्जा

कार्यशाला में प्रतिदिन 121 टन बायोमास ऊर्जा के उत्पादन और 803 एचपी क्षमता वाले सौर पंपसेट के उपयोग पर भी चर्चा की गई, जो गोरखपुर की विविध अक्षय ऊर्जा क्षमता को प्रदर्शित करता है। यूपीनेडा के सचिव एवं मुख्य परियोजना अधिकारी पंकज सिंह ने प्रचुर सौर संसाधनों के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने पर बात की।

कार्यशाला में कई तकनीकी सत्र शामिल थे। पहले सत्र, गोरखपुर को सशक्त बनाना सतत सौर अपनाने के लिए पीएम सूर्य घर योजनाष् में विशेषज्ञों ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की।

दूसरे सत्र, सौर ऊर्जा का दोहन पीएम कुसुम की संभावनाओं की खोज में कृषि और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों की खोज की गई। तीसरे सत्र, उत्तर प्रदेश को फिर से सशक्त बनाना में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर प्रकाश डाला गया।

गोरखपुर सोलर सिटी (Gorakhpur Solar City) कार्यशाला अक्षय ऊर्जा क्षमता मूल्यांकन, सौर छत मूल्यांकन, नीति पर्यावरण संवर्धन और पीएम सूर्य घर योजना और पीएम-कुसुम जैसी सौर योजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझावों के साथ संपन्न हुई। कार्यशाला में कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शहरी बुनियादी ढांचे को सौर बनाने में सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया गया।

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