काग्रेंस की 5 गांरटी (Congress Guarantees) को आप भाजपा और नरेन्द्र मोदी के द्वारा अपने भाषणों में ‘‘मोदी की गांरटी (Modi Guarantee)’’ वाले स्लोगन से काफी मिलता हुआ देख सकते है। बस अन्तर इतना है, कि पीएम मोदी ने अपने भाषणों में एक वाक्याशों को उठा उसके अंत में ‘‘मोदी की गारंटी (Modi Guarantee)’’ जोड़ा जो कि भाजपा की चुनावी अभियान का हिस्सा बन गया तो वही, काग्रेंस की 5 गारंटी स्पष्ट है और साफ है, कि वह यदि सत्ता संभालती है, तो वह इन 5 गारंटी को लागू करेंगी।
एक बहुत ही पुरानी कहावत है, कि यदि आप किसी के कार्यो व पदचिन्हों का अनुसरण नहीं कर सकते है, तो कम से कम उसकी नकल कर उसकी आदतों को अपने में उतारने की कोशिश करों। यह कहावत आज के समय में भारत की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी काग्रेंस पार्टी के ऊपर लगभग लगभग लागू हो रही है।
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काग्रेंस की 5 गारंटी (Congress Guarantees) क्या है?
इससे पहले और इसके पीछे की समीकरण समझे पहले यह जान लीजिए कि काग्रेंस की 5 गांरटी (Congress Guarantees) है, क्या? तो मुख्य तौर पर काग्रेंस की 5 गारंटी (Congress Guarantees) भारत की आम जन के ईदगिर्द ही घूम रही है, जिसमें मुख्य तथ्य निम्नलिखित है।
- सभी के लिए स्वास्थ्य अधिकार बकायदा कानून बनाकर लागू किया जायेंगा, जिससे सभी के लिए स्वास्थ्य जरूरत जैसे कि दवा, इलाज सम्भव हो पायेंगा।
- शहरी रोजगार गारंटी योजना तहत शहरों के जरूरी इन्फ्रास्ट्रर व जलवायु परिवर्तन को समझ कर रोजगार उत्पन्न करना है।
- सुरक्षित रोजगार के माध्यम से मोदी सरकार के श्रमिक कानून की समीक्षा, सरकारी कामों में कॉन्ट्रैट पर काम बंद एवं निजी क्षेत्रों में कॉन्ट्रैट कर्मी की सामाजिक सुरक्षा।
- असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए जीवन और दुर्घटना बीमा सुरक्षा इत्यादि की सुरक्षा।
- श्रम सम्मान तहत राष्ट्रीय मजदूर वेतन 400 रूपया प्रतिदिन वेतन मनरेगा मजदूरों तहत शामिल किया जायेंगा।
काग्रेंस के अंदर की खबर जो मिल रही है, यह इस ओर संकेत कर रही है, कि काग्रेंस केवल व केवल उनक मुद्दों को आधार बना चुनाव में जाना चाह रही है, जो आम जन से जुड़ा है। काग्रेंस की कोशिश जनता को काग्रेंस की 5 गांरटी (Congress Guarantees) को समझाने और उस पर अपने पक्ष में वोट करवाने की है।
जैसा कि अभी-अभी आप सभी को बताया कि काग्रेंस कोशिश कर रहा है, कि यह लोकसभा चुनाव 2024 आम जन के मुद्दे पर लड़ा जायें और इसको इसके ईद-गिर्द ही घुमाया जायें, लेकिन क्या यह काग्रेंस कर पायेंगी।
काग्रेंस ने ऐसा विगत महीनों में नहीं किया ऐसा नही उसने ऐसा कर्नाटक चुनाव 2023 में करके दिखाया है और परिणामतः काग्रेंस को सत्ता भी हासिल हुआ, इसी प्रकार उसने हिमाचल चुनाव में भी इसी प्रकार की नीति अपनाई थी वहॉ भी सरकार बनाने में सफल रही है।
काग्रेंस की 5 गांरटी (Congress Guarantees) कोई ऐसे तैयार नहीं हुई है आप को बता दें कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo nyay yatra) में सभी वर्गो से बात करने के बाद इसकों तैयार किया गया है, लेकिन फिर वही मामला घुमकर आ जाता है, कि क्या इसको शत-प्रतिशत काग्रेंस भाजपा को अपने अनुसार इसके ईद-गिर्द घुमायेंगा या भाजपा के रचे धर्म और जातिवाद के चक्रव्यू में अभिमन्यु बन कर रह जायेंगा।
काग्रेंस के क्या वह नेता जिनके जुबान पर काबू नहीं है, क्या वह इस नीति को भटकाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं देगें, जरूर देंगें और यह भविष्यवाणी है, कि जैसे-जैसे चुनाव के चरण बढ़ेगें चुनावी भाषण की स्तरता गिरती जायेगी और फिर भाजपा के रचे व्यू में काग्रेंस अभिमन्यु बन कर रह जयेंगी।
मोदी की गांरटी (Modi Guarantee)
अब यहाँ पर मोदी की गांरटी (Modi Guarantee) को लेकर भी आप को जानना चाहिए। जैसा कि काग्रेंस ने साफ व स्पष्ट शब्दों में अपने 5 गारंटी बता दिया। भाजपा के मामले में देखे तो यह मोदी की गांरटी (Modi Guarantee) एक चुनावी अभियान तब बन गया जब नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में अपने वादों को दोहराते हुए ‘‘मोदी की गांरटी’’ शब्द का उपयोग किया था।
इसके बाद जैसा कि होता है, चुनावी अभियान के लिए रखे इलेक्ट्रोरल बांड के नाम पर मिले रूपयों का उपयोग मोदी की गांरटी नामक प्रचार को चलाने के लिए किया गया। यदि आप उस प्रचार को सुना हो जो कि लागातार ना सिर्फ इलेक्ट्रानिक माीडिया और धारावाहिक देने वाली चैनल पर भी प्रसारित हो रहे उसमें इस सरकार के 10 सालों के कामों को उल्लेखित करते हुए अन्तिम में मोदी की गांरटी (Modi Guarantee) वाली पीएम मोदी के आवाज सुनते होगें।
दोनों में यदि आप को अन्तर देखना होतो आप दोनो को एक साथ देखिए या एक को देखिए और दूसरे को पढ़िए आप खुद दोनों को अंतर कर पायेंगें। वादे जो भी हो लेकिन एक जनता के तौर पर देश की मुखिया के अधिकार से आप को वोट से पहले दोनो को ध्यान से देखना होगा, तो आप अपनी बेहतरी चुन पायेंगें।
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