जी हाँ पाठकगण, आप सभी सही सुन रहे है, और सही मानिए जब मैं बीजेपी बीआरएस (BJP-BRS) की शादी को लेकर दिया गया वक्तव्य को पढ़ रहा था, तब मैनें भी सोचा यह क्या है, लेकिन समझा और आईयें आप को भी समझाता हूँ।
निर्भीक इंडिया (संपादकीय)- बीजेपी बीआरएस (BJP-BRS) की शादी को लेकर यह बयान राहुल गांधी महोदय की ओर से आया। जब वह ओड़िशा के केंन्दपाड़ा में अपने चुनाव प्रचार के दौरान रैली को संबोधित करते है। जैसा कि पता है, कि हमारा देश आम चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से गुजर रहा है, और नेताओं को हमारी अर्थात् जनता की याद आ चुकी है और चुनाव में नेता अपनी बयानबाजी न करें यह कैसे उम्मीद कर रहे है।
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बीजेपी बीआरएस (BJP-BRS) की शादी को लेकर क्या बोले राहुल गांधी
बीजेपी बीआरएस (BJP-BRS) की शादी जैसे बयान के माध्यम से राहुल गांधी ने तेलगांना में बीजेपी और बीआरएस (BJP-BRS) के बीच साझेदारी होने की बात कही। राहुल गांधी ने यहाँ जनता को यह भी बताया कि एक मात्र काग्रेंस है, जो जनता के लिए आवाज उठा रही और विपक्ष के रूप में काम कर रही है।
राहुल गांधी ने बीजेपी बीआरएस (BJP-BRS) की शादी वाली बात को और आगे बढ़ाया। राहुल गांधी ने कहा तेलगांना में हर दिन इन दोनों की रोज बारात निकलती है। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि बीआरएस को कैसे तेलगांना की सत्ता से दूर किया। पाँच गांरटी का भी उल्लेख किया।
अब आप को कुछ बातों को समझना चाहिए क्योंकि इसको समझने के बाद आप वह तस्वीर देख पायेंगे, जो धुधंली है। बीआरएस ने तेलगांना चुनाव हारने के बाद लोकसभा चुनाव में शामिल हो रही है। बीआरएस पर काग्रेंस ने चुनिंदा लोगो को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाया है।
बीआरएस उधर अपने चुनाव (Lok Sabha Election 2024) प्रचार में काग्रेंस पर भ्रामक चुनावी वादा करने का आरोप लगा रही है। अब यह दोनो पक्षों के बयानबाजी और दोनो पार्टी का इंडिया गठबंधन के अन्तर्गत न आ पाना काफी विरोधाभास दिखा रहा है। बीआरएस लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ उतरी है।
राजनीति का क,ख,ग समझ लिजिए पाठकगण
एक बात आप पाठकगण हमेशा ध्यान रखें कि, राजनीति में समय अनुसार मित्र और शत्रु का चयन हो जाता है, और यह कभी निर्णायक नही होता।
उदाहरण देने के लिए बहुत पीछे नही कुछ महीनें पीछे की घटना याद दिलाता हूँ। बिहार में नीतीश ने महागठबंधन में जाने के बाद बीजेपी को क्या-क्या नहीं कहा था। कहा था ‘‘मरना स्वीकार है, लेकिन भाजपा में जाना नहीं’’।
भाजपा की ओर से अमित शाह ने कहा था कि, ‘‘जेडीयू के लिए दरवाजा बंन्द हो चुका है।’’ यूपी में भाजपा का विरोध करने वाले आरएलडी अब साथ में गा रही है ‘‘हम साथ-साथ है।’’ कर्नाटक में जेडीएस भाजपा की प्रिय हो गई। यह उदाहरण आप को बताते है, कि इन राजनीति पार्टी के लिए सत्ता महत्वपूर्ण है।
अभी तो यह आम चुनाव की शुरूवात है, अभी केवल दो चरण ही हुए है। अभी 5 चरण और पूरा मई प़ड़ा है। आप को काफी बयानबाजी और राजनीति के साथ मानवीय मर्यादा भी गिरता दिखेगा और ध्यान रहे यह कभी एकतरफा नहीं हो सकता है। कोई भी पार्टी इस मामले में पाक साफ नही है।
अब यह देखना काफी रोचक होगा, कि यदि सरकार बनाने के लिए बहुमत किसी को नहीं मिलता है, तो क्या काग्रेंस सरकार बनाने के लिए जरूरत प़ड़ने पर हाथ मिलाती है। यह सम्भव भी है इस लिए मैनें उपरोक्त कई उदाहरण दिया और बताया कि यह पहले भी हुआ है, क्योंकि कोई भी नेता या पार्टी सत्ता चाहता है।
इंडिया गठबंधन (India Allience) बनाने का एक कारण यह भी है, कि सभी छोटे बड़े दलो को एक साथ लाया जाये। इसमें वह भी आये जो अपने क्षेत्र में बड़ी पार्टी से ज्यादा प्रभुत्व रखते है। हाँ यह गठबंधन काफी हद तक विफल रहा है, परन्तु अभी अस्तित्व में है और भाजपा के सिर पर पसीने की बूँद बना रहा है। इसको समझना हो तो हर रैली में इस गठबंधन का जिक्र नरेन्द्र मोदी या भाजपा की ओर से करना यह बता रहा है, कि हाँ इसको उन्होने समझा है।
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