आईसीएमआर की यह रिपोर्ट (ICMR Report) सभी को पढ़ना चाहिए। खासकर यह रिपोर्ट उन सभी लोगो को देखना चाहिए जो हमेशा स्ट्रीट या होटल में खाने वालो को चबाना पसंद करते है। यह खाना कैसे आप को खा रहा है यह रिपोर्ट बताती है। यह खाना को हम यहा पर खाना न कह कर ‘‘जहर’’ कह रहे है।
निर्भीक इंडिया (लेख)- एक महत्वपूर्ण कदम में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट (ICMR Report) में भारतीय नागरिकों की आहार संबंधी आदतों के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य पर पोषण के गहरे प्रभाव पर जोर देते हुए, रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि देश में प्रचलित सभी बीमारियों में से आधे से अधिक बीमारियाँ अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों से उत्पन्न होती हैं।
Table of Contents
आईसीएमआर की रिपोर्ट (ICMR Report) व बाहर के खाने में छुपा गठजोड़
आईसीएमआर और इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (ICMR Report) के अनुसार, भारत में चिंताजनक रूप से 56.4 प्रतिशत बीमारियों का कारण खराब आहार विकल्प हो सकते हैं, जिससे पोषण संबंधी कमी, एनीमिया, मोटापा, मधुमेह और कैंसर जैसी स्थितियों में वृद्धि हो सकती है।
रिपोर्ट (ICMR Report) बढ़ते स्वास्थ्य संकट को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक आदर्श बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है। स्थिति को खराब करने वाले कारकों में मीठे और वसायुक्त खाद्य पदार्थों की व्यापक खपत, शारीरिक गतिविधि का गिरता स्तर और वजन प्रबंधन का व्यापक मुद्दा शामिल है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट (ICMR Report) में ऐसे बाहरी खाने से बच्चों पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि, अस्वास्थ्यकर खान-पान, पोषण संबंधी कमियों से जूझने और मोटापे तथा मधुमेह जैसी स्थितियों के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता के दुष्परिणामों का बड़ा खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है।
देश भर के कई राज्यों में इन आहार संबंधी चुनौतियों के कारण बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि देखी जा रही है। अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों की आसान उपलब्धता और आक्रामक विपणन ने समस्या को और बढ़ा दिया है, जिससे बीमारियों का प्रसार बढ़ रहा है।
सलाह जो आप सभी को अपना चाहिए
जैसा कि आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया कि आप को अस्वास्थ्य वाले खाने से बचना चाहिए। अब ऐसे में दो सवाल आते है, कि अस्वास्थ्य वाले खाने मुख्य रूप में कहा होते है जवाब मिलता है बाहर होटल या स्ट्रीट का खाना जहॉ पर खाना बनने और साफ सफाई को आप नियत्रित नही कर सकते।
यहा बनने वाला खाना आप को ध्यान में रखकर नही स्वाद को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। स्वाद बढ़ाने के लिए अधिक नमक, चीनी विभिन्न प्रकार के तेल का उपयोग करते है यह आप को स्वाद की तुरन्त खुशी तो देगा लेकिन लम्बी बिमारी भी देगा। स्ट्रीट या होटल के खाने को ना के बराबर उपयोग करें।
दिशानिर्देश इष्टतम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट खाद्य समूहों वाले संतुलित आहार की वकालत करते हैं। व्यक्तियों को प्रतिदिन लगभग 1,200 ग्राम भोजन खाने की सलाह दी जाती है, जिससे लगभग 2,000 कैलोरी मिलती है।
एक अच्छी तरह गोल प्लेट में 100 ग्राम फल, 400 ग्राम हरी सब्जियां, 300 मिलीलीटर दूध या दही, 85 ग्राम दालें या अंडे, 35 ग्राम मेवे और बीज और 250 ग्राम अनाज होना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, यह चेतावनी दी गई है कि प्रति दिन 27 ग्राम से अधिक वसा का सेवन स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। मांसाहारी विकल्पों के लिए प्रतिदिन अधिकतम 70 ग्राम चिकन या मांस पर्याप्त माना जाता है।
सरसो के तेल (Mustered Oil) में खाना बनाने की आदत डाले
रिपोर्ट हमारे आहार में मौजूद विभिन्न प्रकार के फैटी एसिड पर प्रकाश डालती है, जिसमें संतृप्त फैटी एसिड (एसएफए), मोनो-अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए), और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) शामिल हैं।
संतृप्त वसा के अत्यधिक सेवन से कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। घी, ताड़ के तेल और नारियल तेल जैसे उत्पादों में पाए जाने वाले ट्रांस वसा विशेष रूप से हानिकारक होते हैं और इनसे बचना चाहिए। सरसों का तेल (Mustered Oil) एक स्वास्थ्यप्रद विकल्प के रूप में उभरता है, जिसमें अन्य तेलों की तुलना में संतृप्त फैटी एसिड का स्तर कम होता है।
निष्कर्षतः, आईसीएमआर द्वारा इन आहार संबंधी दिशानिर्देशों का प्रसार व्यक्तियों के लिए स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है।
इन सिफारिशों का पालन करके, जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ शारीरिक गतिविधि पर जोर देकर, लोग अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा और दुर्बल करने वाली बीमारियों की शुरुआत को रोकने की दिशा में सक्रिय कदम उठा सकते हैं।
नवनीत मिश्रा (संपादक)
निर्भीक इंडिया हिन्दी दैनिक
निर्भीक इंडिया (NIRBHIK INDIA) एक समाचार पत्र नही अपितु 244 साल से भी लम्बे समय से चल रहे पत्रकारिता की विचारधारा है, जो हमेशा लोकतंत्र के चारो स्तम्भ को मान्यता देने एवं जनता सर्वोपरि की विचारों का प्रतिनिधित्वकत्र्ता है। आप सभी हमारे साथ जुड़े अपने तन, मन व धन से हमें ताकत दें जिससे कि हम आप (जनता) के लिए आप (जनता) के द्वारा, आप (जनता) के आदेशों पर केन्द्र से सवाल करते हुए एक पूर्ण लोकतंत्र बना सकें।