मेयर एवं नगर आयुक्त श्री गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में बरसात के मौसम में जलभराव (Water Logging) को रोकने के लिए नाले की सफाई और निर्माण पर व्यापक बैठक आयोजित की गई।
निर्भीक इंडिया गोरखपुर (संवाददाता)- जलभराव (Water Logging) को रोकने के लिए नाले की सफाई और निर्माण पर व्यापक बैठक आयोजित की गई जिसमें माननीय महापौर एवं नगर आयुक्त श्री गौरव सिंह सोगरवाल ने अध्यक्षता किया। बैठक में चर्चा का केन्द्र जलभराव एवं नालों की सफाई और निर्माण पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
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जलभराव (Water Logging) से निपटने के खोजे गये उपाय
बैठक का उद्देश्य आगामी बरसात के मौसम में जलभराव (Water Logging) की समस्या से निपटना था। बैठक में अपर नगर आयुक्त, महाप्रबंधक, जलकल नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जोनल अधिकारी, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अभियंता और स्वच्छता निरीक्षक मौजूद थे।
मेयर सोगरवाल ने आगामी वर्षा पूर्वानुमान के आधार पर नालों की गहन सफाई की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जलभराव (Water Logging) को रोकने के लिए सभी तैयारियाँ पूरी की जा सकें।
उन्होंने समय पर कार्रवाई और पर्याप्त उपायों के महत्व पर बल दिया, जिसमें जहाँ आवश्यक हो, वहाँ पम्प लगाना भी शामिल है। मेयर ने ऑपरेटरों को ईंधन आपूर्ति की जाँच करने और नालों की सफाई के बाद उसी दिन गाद को हटाने का निर्देश दिया।
नगर निगम गोरखपुर (Nager Nigam Gorakhpur) के जूनियर इंजीनियरों को सौंपी निरीक्षण की जिम्मेदारी
नगर निगम गोरखपुर (Nager Nigam Gorakhpur) के सभी जूनियर इंजीनियरों को अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करने और अन्य विभागों की गतिविधियों की निगरानी करने का निर्देश दिया गया। उन्हें सड़क की नालियों की स्थिति के बारे में जानकारी रखनी चाहिए और किसी भी समस्या की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए।
गोरखपुर मेयर सोगरवाल ने चेतावनी दी कि जलभराव की किसी भी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गोरखपुर में नगर निगम (Nager Nigam Gorakhpur) की बैठकों और दावों के बीच जल-जमाव की समस्या जस की तस बनी हुई होती है।
’’विशिष्ट कार्रवाई और स्थान’’
– ’’गोपालपुर’’रू जल निकासी की सुविधा के लिए नालों के पास पम्प लगाए जाने चाहिए और पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी किया जाना चाहिए।
– ’’डोमिंगर नाला’’रू इसकी सफाई सुनिश्चित करने का काम जोनल अधिकारी सुरेंद्र सिंह को सौंपा गया।
– ’’परवलिया पुलिया’’रू निर्माण कार्य जारी है और पानी बह रहा है, इसलिए निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। पुलिया के पीछे तीन घरों को नाले की स्लैब बनाकर ढक दिया जाए।
’’कचरा निपटान’’र नालियों में कचरा कम करने के लिए जहां कचरा डाला जाता है, वहां पर कूड़ा डाला जाए। सावित्री अस्पताल के पास अतिक्रमण को प्रवर्तन दल के साथ हटाया जाए और वहां नाले की सफाई का काम कराया जाए।
’’पाइपलाइन मरम्मत’’रू हरियाली मैरिज हाउस से मानसरोवर मंदिर तक पाइपलाइन की मरम्मत के लिए आरईएस को पत्र भेजा जाए।
’’जवाबदेही और गुणवत्ता नियंत्रण’’
कनिष्ठ अभियंता सूर्य सेन मलाल और शैलेश सिंह को उनके कर्तव्यों में लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, विशेष रूप से पाइपलाइन मरम्मत कार्य में। महापौर ने जोर देकर कहा कि लापरवाह ठेकेदारों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अक्टूबर तक नाले की सफाई का काम जारी रहे और कचरा सफाई को बनाए रखा जाए, विशेष रूप से जहां नालियों पर जाल लगाए गए हैं।
’’कचरा संग्रहण एवं स्वच्छता’’
घर-घर जाकर कचरा संग्रहण करने वाले चालकों को निर्देश दिया गया कि वे अस्पतालों एवं नर्सिंग होम से केवल सूखा एवं गीला कचरा ही एकत्रित करें, तथा जैव रासायनिक अपशिष्ट से बचें।
स्वच्छता निरीक्षकों को अपने क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था की निगरानी करनी होगी। कनिष्ठ अभियंताओं को वार्डों में जलभराव की स्थिति का निरीक्षण करना होगा तथा सुनिश्चित करना होगा कि नालियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो।
कचरा संग्रहण एवं उपयोगकर्ता शुल्क संग्रहण में लगे सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी किए जाने चाहिए, ताकि जवाबदेही एवं कुशल संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
महापौर गौरव सिंह सोगरवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में जलभराव से निपटने एवं शहर भर में नालियों की सफाई सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत एवं सक्रिय दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया गया। स्पष्ट निर्देशों एवं जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करते हुए, नगर निगम प्रशासन का लक्ष्य मानसून के मौसम में स्वच्छ एवं जलभराव मुक्त शहर बनाए रखना है।
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